चौ. चरण सिंह राजपथ पर किसान राज Ch. Charan Singh Rajpath par Kisan Raj

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चौ. चरण सिंह के बारे में अनसुनी बातों का जानना है तो जरूर पढ़िए राजपथ पर किसान राज।

भारतीय राजनीति में आज तक के परिवर्तन का सूत्रपात करने का श्रेय मात्र लोक दल और उसके नेता चौधरी चरण सिंह एवं नेताजी राज नारायण को ही प्राप्त था। क्योंकि यदि चौधरी चरण सिंह, राजनारायण की सम्बल देकर राज्यसभा भेजकर राजनीति के आसन पर न बैठाते तो हाईकोर्ट में इंदिरा गांधी के खिलाफ पिटीशन भी न हो पाता और इंदिरा पिटीशन न हारती तो आपातस्थिति भी लागू न होती तो ‘जनता पार्टी के गठन के लिये विपक्षी एकता का सूत्रपात वाली परिस्थितियाँ पैदा न होती, न ही जनता सरकार बनती।

राजनारायण जी को जनता सरकार का स्क्रिप्ट राइटर कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। वे रिक्शे में बैठकर हाईकोर्ट जाते थे और चीफ जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा से स्वयं बहस करते थे। अतः चौधरी चरण सिंह का व्यक्तित्व और राजनारायण का व्यक्तिव आज तक हुए राजनैतिक ध्रुवीकरण एवं परिवर्तन का जनक है। दोनों ही नेता कांग्रेस के विरोध की धुरी थे।

चौ. चरण सिंह ने जेल में अपनी पुस्तक “India’s Economic Policy Gandhian Blue Print” लिखी जो 1978 में प्रकाशित हो सकी। दूसरी पुस्तक ‘Economic Nightmare of India’ लिखी जो कई देशों में बिकती हैं।

चौ. साहब के निर्देश पर दोनों पुस्तकों का हिन्दी रूपांतर 1984 में लेखक प्रो. के एस राना ने किया।

Ch. charan Singh rajpath par kisan raj book
Ch. charan Singh rajpath par kisan raj book

Description

चौ. चरण सिंह राजपथ पर किसान राज पुस्तक के लेखक देश-दुनिया के जाने-माने शिक्षाविद प्रोफेसर केएस राना कुलपति हैं। इस पुस्तक में चौ. चरण सिंह के बारे में ऐसी रोचक और तथ्यात्मक जानकारियों दी हुई हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। 

चौ. चरण सिंह के बारे में अनसुनी बातों का जानना है तो जरूर पढ़िए राजपथ पर किसान राज।

भारतीय राजनीति में आज तक के परिवर्तन का सूत्रपात करने का श्रेय मात्र लोक दल और उसके नेता चौधरी चरण सिंह एवं नेताजी राज नारायण को ही प्राप्त था। क्योंकि यदि चौधरी चरण सिंह, राजनारायण की सम्बल देकर राज्यसभा भेजकर राजनीति के आसन पर न बैठाते तो हाईकोर्ट में इंदिरा गांधी के खिलाफ पिटीशन भी न हो पाता और इंदिरा पिटीशन न हारती तो आपातस्थिति भी लागू न होती तो ‘जनता पार्टी के गठन के लिये विपक्षी एकता का सूत्रपात वाली परिस्थितियाँ पैदा न होती, न ही जनता सरकार बनती।

राजनारायण जी को जनता सरकार का स्क्रिप्ट राइटर कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। वे रिक्शे में बैठकर हाईकोर्ट जाते थे और चीफ जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा से स्वयं बहस करते थे। अतः चौधरी चरण सिंह का व्यक्तित्व और राजनारायण का व्यक्तिव आज तक हुए राजनैतिक ध्रुवीकरण एवं परिवर्तन का जनक है। दोनों ही नेता कांग्रेस के विरोध की धुरी थे।

चौ. चरण सिंह ने जेल में अपनी पुस्तक “India’s Economic Policy Gandhian Blue Print” लिखी जो 1978 में प्रकाशित हो सकी। दूसरी पुस्तक ‘Economic Nightmare of India’ लिखी जो कई देशों में बिकती हैं।

चौ. साहब के निर्देश पर दोनों पुस्तकों का हिन्दी रूपांतर 1984 में लेखक प्रो. के एस राना ने किया।

चौ. चरण सिंह राजपथ पर किसान राज Ch. Charan Singh Rajpath par Kisan Raj

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