Description
मेरे हसबैंड मुझको प्यार नहीं करते पुस्तक मेरी प्रकृति के सर्वथा विपरीत है। फिर भी कुछ मित्रों की मांग पर लिखने बैठा तो लिखता ही चला गया। इस कृति की खास बात यह है सोशल मीडिया फेसबुक पर सक्रिय हर व्यक्ति इसका पात्र है। उसे लगता है कि सब कुछ मेरे साथ हो रहा है और यही इस कृति की सफलता है। चूंकि मैं पत्रकार हूँ इसलिए पुस्तक में पत्रकारिता भी स्वाभाविक तौर पर आ गई है। पुस्तक लिखने के पीछे हेतु है आज की सच्चाई को यथावत प्रस्तुत करना। हम अपने बच्चों पर निगाह रखें कि फेसबुक का कहीं दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है।
मेरे हसबैंड मुझको प्यार नहीं करते एक ऐसा उपन्यास है जो वर्तमान और पुरातन पीढ़ी के बीच के मतभेदों का दर्शाता है। यह देवर का भाभी के प्रति एकतरफा प्रेम है तो पतिदेव की अन्य महिलाओं के प्रति आकर्षण और पति की जासूसी है। भारतीय संस्कृति के धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की महिमा पुस्तक में है। अंत में ऐसा रहस्य खुलता है कि पाठक अवाक रह जाते हैं।
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